"हमारे आस-पास के पदार्थ (Matter in Our Surroundings)"
यह विवरण पदार्थ के विभिन्न रूपों और उनके गुणधर्मों के बारे में है। पदार्थ वे वस्तुएं होती हैं जो हमारे आस-पास हैं, जैसे हवा, पानी, खाद्य पदार्थ, पत्थर, बादल, तारे और पौधे। प्राचीन दार्शनिकों ने इन पदार्थों को पांच मूल तत्वों (वायु, पृथ्वी, अग्नि, जल, और आकाश) में विभाजित किया था, जो कि सभी मामलों में उपयुक्त होते हैं। आधुनिक वैज्ञानिकों ने इन पदार्थों को उनके भौतिक और रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर वर्गीकृत किया है।
उत्तर: D) सभी उपरोक्त
व्याख्या: पदार्थ अणुओं, परमाणुओं और छोटे कणों से मिलकर बना होता है, जो मिलकर विभिन्न प्रकार के पदार्थ का निर्माण करते हैं।
उत्तर: A) रिक्त स्थान
व्याख्या: पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है जिसमें अन्य कण समा सकते हैं, जैसा कि नमक या शर्करा को पानी में घोलने पर होता है।
उत्तर: D) दोनों A और C
व्याख्या: जब अगरबत्ती जलाई जाती है तो उसकी महक दूर तक फैल जाती है और शर्करा घुलने पर पानी में फैल जाती है, जिससे यह सिद्ध होता है कि पदार्थ के कण गतिशील होते हैं।
उत्तर: B) गतिज ऊर्जा
व्याख्या: पदार्थ के कणों में गतिज ऊर्जा होती है, और तापमान बढ़ने से कणों की गतिज ऊर्जा भी बढ़ जाती है।
उत्तर: D) कणों के बीच रिक्त स्थान
व्याख्या: पोटैशियम परमैगनेट के कण पानी में घुलकर पानी के रिक्त स्थानों में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे यह सिद्ध होता है कि पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है।
उत्तर: C) तापमान
व्याख्या: तापमान बढ़ने से पदार्थ के कणों की गति बढ़ जाती है, क्योंकि तापमान उनके गतिज ऊर्जा को बढ़ाता है।
उत्तर: A) निश्चित आकार और आयतन
व्याख्या: ठोस अवस्था में पदार्थ का आकार और आयतन दोनों निश्चित होते हैं, जैसे कि लकड़ी या पत्थर।
उत्तर: A) ठोस
व्याख्या: ठोस पदार्थ संपीड्य नहीं होते क्योंकि उनके कण बहुत नज़दीक होते हैं, जिससे उन्हें संपीडित करना मुश्किल होता है।
उत्तर: C) गैस
व्याख्या: गैस अवस्था में पदार्थ के कण सबसे अधिक गतिशील होते हैं और वे स्वतंत्र रूप से गति कर सकते हैं।
उत्तर: B) गैस
व्याख्या: गैसें आसानी से संपीडित की जा सकती हैं क्योंकि उनके कणों के बीच बहुत अधिक रिक्त स्थान होता है।
उत्तर: D) धातु
व्याख्या: प्राचीन भारतीय दार्शनिकों के अनुसार पंचतत्व वायु, जल, पृथ्वी, अग्नि और आकाश होते हैं, धातु इनमें शामिल नहीं है।
उत्तर: A) आकर्षण बल द्वारा
व्याख्या: पदार्थ के कण एक-दूसरे को आकर्षण बल द्वारा पकड़कर रखते हैं, जिससे वे एक साथ बने रहते हैं।
उत्तर: B) गति बढ़ जाती है
व्याख्या: गर्मी बढ़ने पर पदार्थ के कणों की गति तेज हो जाती है क्योंकि उनकी गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है।
उत्तर: B) अनिश्चित आकार और निश्चित आयतन
व्याख्या: तरल पदार्थ का निश्चित आयतन होता है, लेकिन इसका आकार बदलता रहता है क्योंकि यह जिस भी बर्तन में होता है, उसका आकार ग्रहण कर लेता है।
उत्तर: C) पर्याप्त रिक्त स्थान
व्याख्या: गैसों के कणों के बीच पर्याप्त रिक्त स्थान होता है, जिससे वे स्वतंत्र रूप से गति कर सकते हैं।
उत्तर: A) विसरण
व्याख्या: जब पोटैशियम परमैगनेट पानी में घुलता है, तो वह विसरण के कारण समान रूप से फैल जाता है, जिससे पानी रंगीन हो जाता है।
उत्तर: C) गैस
व्याख्या: गैस अवस्था में कणों के बीच आकर्षण सबसे कम होता है, जिससे वे स्वतंत्र रूप से गति करते हैं।
उत्तर: C) कणों के बीच घनत्व अधिक
व्याख्या: ठोस अवस्था में कण बहुत पास होते हैं, जिससे घनत्व अधिक होता है और संपीडन कठिन होता है।
उत्तर: C) गैस
व्याख्या: गैसें सबसे अधिक संपीडन क्षमता रखती हैं क्योंकि उनके कणों के बीच बहुत अधिक रिक्त स्थान होता है।
उत्तर: B) ठोस
व्याख्या: ठोस पदार्थ संपीड्य नहीं होते क्योंकि उनके कण बहुत घने होते हैं और उनके बीच कोई स्थान नहीं होता है।
उत्तर: (B) आयतन
स्पष्टीकरण: द्रव अवस्था में पदार्थ का आयतन निश्चित रहता है, जबकि उसका आकार उस बर्तन के अनुसार बदल जाता है जिसमें उसे रखा जाता है।
उत्तर: (B) द्रव अवस्था
स्पष्टीकरण: द्रव अवस्था में कण स्वतंत्र रूप से गति करते हैं और कणों के बीच रिक्त स्थान ठोस की अपेक्षा अधिक होता है।
उत्तर: (A) संपीड्यता
स्पष्टीकरण: गैसीय अवस्था में कणों के बीच रिक्त स्थान अधिक होता है, जिससे संपीड्यता अधिक होती है। इसे आसानी से कम आयतन में संपीड़ित किया जा सकता है।
उत्तर: (C) गैस
स्पष्टीकरण: गैस में कणों के बीच रिक्त स्थान सबसे अधिक होता है और कणों की गति भी तेज होती है, इसलिए विसरण की दर सबसे अधिक होती है।
उत्तर: (B) ऑक्सीजन
स्पष्टीकरण: अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलिंडर का उपयोग किया जाता है, जिसमें ऑक्सीजन संपीड़ित रूप में होती है।
उत्तर: (C) विसरण
स्पष्टीकरण: खाने की गंध के कण वायु में मिलकर विसरण प्रक्रिया के माध्यम से फैलते हैं और हमारी नाक तक पहुँचते हैं।
उत्तर: (C) CNG
स्पष्टीकरण: वाहनों में CNG (संपीडित प्राकृतिक गैस) का ईंधन के रूप में उपयोग किया जाता है।
उत्तर: (C) गैस
स्पष्टीकरण: गैसीय अवस्था में कणों की गति अनियमित होती है और वे बर्तन की दीवारों से टकराते हैं, जिससे दाब उत्पन्न होता है।
उत्तर: (C) गैस
स्पष्टीकरण: गैस की संपीड्यता सबसे अधिक होती है क्योंकि गैस के कणों के बीच रिक्त स्थान काफी अधिक होता है।
उत्तर: (B) द्रव
स्पष्टीकरण: LPG (द्रवीकृत पेट्रोलियम गैस) संपीड़ित करके द्रव अवस्था में परिवर्तित की जाती है और सिलिंडर में भरी जाती है।
उत्तर: (A) 273 K
- स्पष्टीकरण: बर्फ का गलनांक 273 K होता है, जिसे हम 0°C के रूप में भी जानते हैं। यही तापमान होता है जब बर्फ पिघलकर पानी में बदल जाती है।
उत्तर: (C) संगलन ( fusion)
स्पष्टीकरण: ठोस से द्रव में परिवर्तित होने की प्रक्रिया को संगलन कहा जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान ठोस पदार्थ तापमान पर ऊष्मा प्राप्त करके द्रव में बदल जाता है।
उत्तर: (C) 373 K
स्पष्टीकरण: जल का क्वथनांक 373 K होता है, जो 100°C के बराबर होता है। इस तापमान पर पानी उबलकर वाष्प में बदल जाता है।
उत्तर: (C) ऊर्ध्वपातन
स्पष्टीकरण: ऊर्ध्वपातन वह प्रक्रिया है जिसमें किसी गैस को ठोस अवस्था में सीधे बदला जाता है, बिना द्रव अवस्था में आए। उदाहरण के लिए, शुष्क बर्फ (ठोस CO₂)।
उत्तर: (B) वाष्पीकरण
स्पष्टीकरण: जब द्रव को गर्म किया जाता है, तो यह वाष्प में बदल जाता है। इसे वाष्पीकरण कहते हैं, जैसे पानी का भाप में बदलना।
उत्तर: (C) ऊर्ध्वपातन
स्पष्टीकरण: ठोस से सीधे गैस में परिवर्तित होने की प्रक्रिया को ऊर्ध्वपातन कहते हैं। इस प्रक्रिया में द्रव अवस्था नहीं आती।
उत्तर: (A) 273 K
स्पष्टीकरण: जल का गलनांक 273 K (0°C) है, जब बर्फ पिघलकर पानी में बदलती है।
उत्तर: (A) संघनन
स्पष्टीकरण: जब वाष्प ठंडी होती है और द्रव में बदलती है, तो इसे संघनन कहते हैं। जैसे बादलों में जल वाष्प के संघनन से बारिश होती है।
उत्तर: (A) संघनन
स्पष्टीकरण: गैस से द्रव में परिवर्तित होने की प्रक्रिया को संघनन कहा जाता है। जैसे वाष्प ठंडी होकर पानी की बूंदों में बदलती है।
उत्तर: (C) कपूर
स्पष्टीकरण: कपूर ठोस अवस्था से सीधे गैस में बदल जाता है, इसे ऊर्ध्वपातन प्रक्रिया कहा जाता है, जो बिना द्रव अवस्था में परिवर्तित हुए होती है।
उत्तर: (C) किसी भी तापमान पर
स्पष्टीकरण: वाष्पीकरण एक सतही प्रक्रिया है जो किसी भी तापमान पर हो सकती है, न कि केवल उबलने पर। उदाहरण के लिए, खुले बर्तन में रखा जल बिना उबलने ही धीरे-धीरे वाष्पित हो जाता है।
उत्तर: (D) उपरोक्त सभी
स्पष्टीकरण: वाष्पीकरण की दर तापमान, सतह के क्षेत्र और वायु की गति पर निर्भर करती है। सतह क्षेत्र और वायु की गति बढ़ने पर वाष्पीकरण तेज होता है, जबकि आर्द्रता बढ़ने पर वाष्पीकरण धीमा हो जाता है।
उत्तर: (C) हवा जलवाष्प को बहा ले जाती है
स्पष्टीकरण: तेज हवा जलवाष्प को अपने साथ ले जाती है, जिससे आस-पास की आर्द्रता कम हो जाती है और वाष्पीकरण की दर बढ़ जाती है, जिससे कपड़े जल्दी सूख जाते हैं।
उत्तर: (C) वाष्पीकरण ऊर्जा को अवशोषित करता है
स्पष्टीकरण: वाष्पीकरण के दौरान, द्रव अपने आस-पास से ऊर्जा अवशोषित करता है, जिससे आसपास का तापमान कम हो जाता है और शीतलता महसूस होती है। उदाहरण के लिए, पसीने का वाष्पीकरण शरीर को ठंडक प्रदान करता है।
उत्तर: (A) वाष्पीकरण की दर बढ़ जाती है
स्पष्टीकरण: कपड़े सुखाने के लिए फैलाने पर सतह का क्षेत्र बढ़ जाता है, जिससे वाष्पीकरण की दर बढ़ जाती है और कपड़े जल्दी सूख जाते हैं।
उत्तर: (C) सूती कपड़े पसीना सोख लेते हैं
स्पष्टीकरण: सूती कपड़े पसीने को अवशोषित कर लेते हैं, जो बाद में वाष्पित होकर शरीर को ठंडक प्रदान करते हैं। वाष्पीकरण की गुप्त ऊष्मा शरीर से ऊर्जा अवशोषित करती है, जिससे ठंडक महसूस होती है।
उत्तर: (B) हवा में मौजूद जलवाष्प संघनित हो जाता है
स्पष्टीकरण: बर्फीला गिलास ठंडा हो जाता है, जिसके कारण गिलास के संपर्क में आने वाली हवा में जलवाष्प ठंडा होकर जल की बूँदों में परिवर्तित हो जाता है।
उत्तर: (C) अधिक आर्द्रता पर
स्पष्टीकरण: जब वायु में जलवाष्प की मात्रा अधिक होती है, तो वाष्पीकरण की दर घट जाती है क्योंकि हवा पहले से ही संतृप्त हो चुकी होती है और अधिक जलवाष्प को अवशोषित नहीं कर पाती।
उत्तर: (C) वाष्पीकरण
स्पष्टीकरण: नाखूनों की पॉलिश हटाने वाला द्रव तेजी से वाष्पीकरण करता है और अपने आसपास से ऊर्जा अवशोषित करता है, जिससे ठंडक महसूस होती है।
उत्तर: (A) जल वाष्पित होकर ठंडक प्रदान करता है
स्पष्टीकरण: जब सतह पर पानी छिड़का जाता है, तो वह वाष्पित हो जाता है और इस प्रक्रिया में अपनी गुप्त ऊष्मा के माध्यम से सतह को ठंडा कर देता है, जिससे वातावरण में शीतलता का अनुभव होता है।
उत्तर: (B) आयनीकृत गैस
स्पष्टीकरण: प्लाज्मा अवस्था में कण अत्यधिक ऊर्जा वाले और आयनीकृत होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे विद्युत आवेशित गैस के रूप में होते हैं।
उत्तर: (B) हीलियम
स्पष्टीकरण: फ्लोरसेंट ट्यूब में हीलियम या अन्य गैसों का उपयोग किया जाता है, जो विद्युत ऊर्जा प्रवाहित होने पर आयनीकृत हो जाती हैं और प्लाज्मा में बदल जाती हैं।
उत्तर: (B) उच्च ऊर्जा वाले कण
स्पष्टीकरण: प्लाज्मा अवस्था में कण अत्यधिक ऊर्जा प्राप्त करते हैं, जिससे वे आयनीकृत हो जाते हैं और प्लाज्मा बनाते हैं।
उत्तर: (A) नियॉन
स्पष्टीकरण: नियॉन बल्ब के अंदर नियॉन गैस भरी जाती है, जो विद्युत प्रवाहित होने पर आयनीकृत हो जाती है और चमकीले प्रकाश का उत्पादन करती है।
उत्तर: (C) प्लाज्मा
स्पष्टीकरण: सूर्य और तारों की चमक प्लाज्मा के कारण होती है, जो उच्च तापमान के कारण बनता है और ऊर्जा का प्रकाश उत्पन्न करता है।
उत्तर: (C) एरिक ए. कॉर्नेल
स्पष्टीकरण: एरिक ए. कॉर्नेल, उल्फ़गैंग केटरले और कार्ल ई. वेमैन को 2001 में बोस-आइंस्टाइन कंडनसेट की अवस्था प्राप्त करने के लिए नोबेल पुरस्कार मिला।
उत्तर: (B) अल्बर्ट आइंस्टाइन
स्पष्टीकरण: सत्येंद्रनाथ बोस की गणनाओं के आधार पर अल्बर्ट आइंस्टाइन ने बोस-आइंस्टाइन कंडनसेट की भविष्यवाणी की थी।
उत्तर: (C) फ्लोरसेंट ट्यूब की चमक
स्पष्टीकरण: फ्लोरसेंट ट्यूब के अंदर प्लाज्मा बनता है, जो विद्युत प्रवाहित होने पर चमक उत्पन्न करता है।
उत्तर: (C) अत्यंत कम तापमान पर
स्पष्टीकरण: बोस-आइंस्टाइन कंडनसेट अत्यंत कम तापमान पर तैयार होता है, जहाँ गैसें बहुत ठंडी हो जाती हैं।
उत्तर: (D) प्लाज्मा
स्पष्टीकरण: सूर्य के अंदर प्लाज्मा अवस्था होती है, जहाँ अत्यधिक ऊष्मा और ऊर्जा के कारण कण आयनीकृत हो जाते हैं।
उत्तर: (a) केल्विन
स्पष्टीकरण: तापमान को केल्विन में मापा जाता है, जो तापमान की SI इकाई है।
उत्तर: (c) मीटर
स्पष्टीकरण: लंबाई की SI इकाई मीटर है।
उत्तर: (a) किलोग्राम
स्पष्टीकरण: संहति या द्रव्यमान की मात्रक किलोग्राम होती है।
उत्तर: (b) घन मीटर
स्पष्टीकरण: आयतन को घन मीटर में मापा जाता है, जो लंबाई की घन इकाई है।
उत्तर: (a) किलोग्राम प्रति घन मीटर
स्पष्टीकरण: घनत्व की मात्रक किलोग्राम प्रति घन मीटर होती है, जो द्रव्यमान और आयतन के अनुपात से मापी जाती है।
उत्तर: (a) पास्कल
स्पष्टीकरण: दबाव की SI इकाई पास्कल है, जो प्रति इकाई क्षेत्र पर लगने वाले बल को मापता है।
उत्तर: (c) बल
स्पष्टीकरण: न्यूटन बल की SI इकाई है, जो 𝑘𝑔⋅𝑚/𝑠² मे मापी जाती है।
उत्तर: (b) संहति और आयतन का
स्पष्टीकरण: घनत्व द्रव्यमान और आयतन का अनुपात है, जिसे किलोग्राम प्रति घन मीटर में मापा जाता है।
उत्तर: (a) बल और क्षेत्र का
स्पष्टीकरण: दबाव बल को क्षेत्र पर विभाजित करके मापा जाता है, और इसे पास्कल में व्यक्त किया जाता है।
उत्तर: (a) बल
स्पष्टीकरण: न्यूटन बल की इकाई है, और इसका उपयोग बल को मापने के लिए किया जाता है।
उत्तर: (b) तापमान
स्पष्टीकरण: तापमान की SI इकाई केल्विन होती है।
उत्तर: (b) लंबाई
स्पष्टीकरण: लंबाई की SI इकाई मीटर है।
उत्तर: (c) दबाव
स्पष्टीकरण: पास्कल दबाव की SI इकाई है।
उत्तर: (c) घनत्व
स्पष्टीकरण: घनत्व की SI इकाई किलोग्राम प्रति घन मीटर होती है, जो संहति और आयतन के अनुपात से मापा जाता है।
उत्तर: (b) K
स्पष्टीकरण: तापमान का SI प्रतीक 'K' (केल्विन) होता है।
उत्तर: (b) m
स्पष्टीकरण: लंबाई का SI प्रतीक 'm' (मीटर) होता है।
उत्तर: (c) kg
स्पष्टीकरण: द्रव्यमान का SI प्रतीक 'kg' (किलोग्राम) होता है।
उत्तर: (b) N
स्पष्टीकरण: बल का SI प्रतीक 'N' (न्यूटन) होता है।
उत्तर: (d) m³
स्पष्टीकरण: आयतन का SI प्रतीक 'm³' (घन मीटर) होता है।
उत्तर: (a) kg/m³
स्पष्टीकरण: घनत्व का SI प्रतीक 'kg/m³' (किलोग्राम प्रति घन मीटर) होता
उत्तर: (b) Pa
स्पष्टीकरण: दबाव का SI प्रतीक 'Pa' (पास्कल) होता है।
उत्तर: (a) बल
स्पष्टीकरण: 'N' (न्यूटन) बल का प्रतीक होता है।
उत्तर: (b) आयतन
स्पष्टीकरण: 'm³' (घन मीटर) आयतन का प्रतीक है।
उत्तर: (c) दबाव
स्पष्टीकरण: 'Pa' (पास्कल) दबाव का SI प्रतीक है।
So, NCERT Science might not be your strongest subject just yet, but no worries! 🌱 There’s no shame in that! You could explore another talent—maybe rocket science or even mastering the art of cookie baking! 🍪🚀 Or, if you’re up for the challenge, give the quiz another go and see how much you’ve improved! 💪📖
Not bad at all! Your NCERT Science knowledge is definitely above average, and we are officially impressed. 💡📚 Keep up the great work, and with a little more practice, you’ll be unstoppable in no time! 🌟 Keep pushing those boundaries and aim for even higher! 🚀
Wow, you totally crushed it! 🎉 This quiz had some tough questions, but you sailed through with ease. Your understanding of Science, especially Chapter 1 of Class 9, is truly impressive. 🧠🔬 It’s clear you’ve got a natural talent for this subject, and nothing can hold you back. Keep shining like the star you are, and get ready to ace every exam that comes your way! 🌟🚀